अगर पुलिस आपकी रिपोर्ट लिखने से मना करे तो क्या हैं आपके अधिकार?
Blogs1. प्राथमिकी (FIR) दर्ज करवाने का अधिकार:
हर व्यक्ति को यह कानूनी अधिकार प्राप्त है कि वह किसी भी घटना के संबंध में संबंधित पुलिस स्टेशन में जाकर मौखिक या लिखित रूप में अपनी शिकायत दर्ज करवा सके। लेकिन कई बार देखा गया है कि पुलिस FIR दर्ज करने से मना कर देती है।
2. FIR दर्ज न करने की स्थिति में आपके पास उपलब्ध विकल्प:
2.1. प्रथम चरण:
सबसे पहले संबंधित थाने में घटना से संबंधित एक शिकायत पत्र दें और उसकी प्राप्ति अवश्य लें। शिकायत पत्र में निम्न जानकारियाँ शामिल होनी चाहिए:
- घटना की तिथि / समय
- घटना स्थल
- आरोपी का नाम / पता (यदि ज्ञात हो)
- पीड़ित का नाम / पता
- साक्ष्य (ऑडियो / वीडियो / फोटो / दस्तावेज़)
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गवाहों की जानकारी
2.2. द्वितीय चरण:
यदि थाना पुलिस कार्रवाई नहीं करती है या FIR दर्ज नहीं करती, तो आप जिला पुलिस अधीक्षक (SP), अतिरिक्त SP या SDOP के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
2.3. तृतीय चरण:
अगर पुलिस अधिकारी फिर भी FIR दर्ज नहीं करते, तो आप CrPC की धारा 156(3) के तहत मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कर सकते हैं। मजिस्ट्रेट पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दे सकते हैं।
2.4. चतुर्थ चरण:
यदि इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है, तो आप संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी के विरुद्ध राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- वेबसाइट: https://nhrc.nic.in
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शिकायत में थाने में दी गई शिकायत की सत्यापित कॉपी अवश्य संलग्न करें।
3. विशेष श्रेणियों के लिए आयोगों में शिकायत के विकल्प:
3.1. महिला पीड़िता होने पर:
- राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें:
http://ncw.nic.in
3.2. यदि पीड़ित बच्चा (18 वर्ष से कम उम्र):
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की वेबसाइट:
http://ncpcr.gov.in
3.3. यदि पीड़ित अनुसूचित जाति (SC) से है:
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की वेबसाइट:
https://ncsc.nic.in
3.4. यदि पीड़ित अनुसूचित जनजाति (ST) से है:
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की वेबसाइट:
https://ncst.nic.in
3.5. यदि पीड़ित अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से है:
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की वेबसाइट:
https://ncbc.nic.in
4. क्या कहता है कानून:
यदि कोई पुलिस अधिकारी FIR दर्ज करने से इनकार करता है, तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, उस अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
5. ई-एफआईआर (Online FIR) का विकल्प:
आजकल कई राज्यों की पुलिस वेबसाइटों या मोबाइल एप्स के जरिए ऑनलाइन FIR दर्ज की जा सकती है।
उदाहरण: दिल्ली में e-FIR ऐप के माध्यम से FIR दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध है।
6. HRPC कम्प्लेंट पोर्टल का विकल्प:
पीड़ित अपनी शिकायत HRPC की शिकायत पोर्टल https://hrpcindia.org/complaint.php पर कर सकते है या क़ानूनी सहायता के लिए HRPC हेल्पलाइन 8929351135 पर भी संपर्क कर सकते है।
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