भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम: एक परिचय
Blogs1. परिचय :
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (Prevention of Corruption Act, 1988) वर्ष 1988 का एक महत्त्वपूर्ण केंद्रीय अधिनियम है। यह 9 सितंबर 1988 को लागू और प्रभावी हुआ। इस अधिनियम को लागू करने का एकमात्र उद्देश्य भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। ऐसे निजी व्यक्ति भी, जो लोक सेवकों के साथ षड्यंत्र कर लोक निधि को हड़पते हैं, इस अधिनियम के अंतर्गत दोषी माने जाते हैं।
यदि कोई अधिकारी किसी कार्य को करने के लिए गैरकानूनी रूप से धन लेता है, तो यह घूसखोरी कहलाती है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, 1988 और भारतीय दंड संहिता की धारा 171 के अंतर्गत रिश्वत लेना एक दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम के अनुसार, रिश्वत लेना ही नहीं, रिश्वत देना भी अपराध है।
हमारे देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने हेतु राज्यों में विभिन्न एजेंसियों और ब्यूरो का गठन किया गया है। कई राज्यों में एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) की स्थापना की गई है। इन विभागों में ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है जिन्हें इस प्रकार के मामलों से निपटने का अनुभव होता है। आप किसी भी प्रकार की रिश्वत या भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ACB राज्य कर्मचारियों के मामलों की जांच करता है। प्रत्येक राज्य की अपनी अलग शाखा होती है, जो सार्वजनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों को देखती है।
कई मामलों में, जो राज्य की सीमाओं से बाहर या राष्ट्रीय प्रभाव वाले होते हैं, उनकी जांच सीबीआई (CBI) द्वारा की जा सकती है।
2. शिकायत कैसे दर्ज करें :
A. केंद्रीय स्तर पर शिकायत:
यदि आपके साथ किसी सरकारी अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है या ऐसा प्रयास किया गया है, तो आपको केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) को इसकी जानकारी देनी चाहिए।
- शिकायत पत्र भेजने का पता:
सतर्कता भवन, ए-ब्लॉक, जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए, नई दिल्ली-110023 - कॉल करें: 011-24600200
- केंद्रीय सतर्कता आयोग, अधिनियम 2003 के अंतर्गत गठित हुआ था। यह केंद्र सरकार के मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, राष्ट्रीय बैंकों और बीमा कंपनियों से संबंधित मामलों की जांच करता है।
- शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है।
- रिश्वत मामलों में दोषी पाए जाने पर 1 से 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
B. राज्य स्तर पर शिकायत:
राज्य सरकार के कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायत सम्बंधित राज्य के एंटी-करप्शन ब्यूरो / विजिलेंस कमीशन के समक्ष की जा सकती है। प्रत्येक राज्य का अपना अलग एंटी-करप्शन विभाग होता है। नीचे कुछ राज्यों के ACB हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट दी गई हैं:
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