राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण: एक परिचय
Blogs, Vidhik Sewa1. परिचय:
भारत में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया गया था। प्रत्येक राज्य में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रत्येक जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और प्रत्येक तालुका में तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। इनका कार्य नालसा की नीतियों और निर्देशों को लागू करना होता है।
2. प्रमुख कार्य:
राज्य, जिला एवं तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण को निम्नलिखित कार्य नियमित रूप से करते रहने की जिम्मेदारी सौंपी गई है:
• पात्र व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना।
• विवादों के सौहार्दपूर्ण निपटारे हेतु लोक अदालतों का संचालन करना।
• निशुल्क कानूनी सेवाओं में निम्नलिखित शामिल हैं—
o कानूनी कार्यवाही में कोर्ट फीस तथा देय अन्य सभी शुल्कों का भुगतान।
o कानूनी कार्यवाही के लिए वकील उपलब्ध कराना।
o आदेशों एवं अन्य दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त कराना।
o अपील, दस्तावेजों का अनुवाद एवं छपाई सहित पेपर बुक तैयार कराना।
3. मुफ्त कानूनी सहायता के पात्र व्यक्ति:
• सभी महिलाएं और बच्चे।
• अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के सदस्य।
• औद्योगिक श्रमिक।
• प्राकृतिक आपदा (बाढ़, सूखा, भूकंप आदि) या हिंसा के पीड़ित।
• विकलांग व्यक्ति।
• जेल या हिरासत में रखे गए व्यक्ति।
• जिनकी वार्षिक आय ₹1,00,000 से अधिक नहीं है।
• बेगार अथवा मानव तस्करी के शिकार व्यक्ति।
4. आवेदन कहाँ करें:
• प्रत्येक तालुका में स्थित तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में।
• प्रत्येक जिले में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में।
• प्रत्येक राज्य में स्थित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में।
• दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यालय में।
आप राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट https://nalsa.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। इस वेबसाइट के माध्यम से आप देश के किसी भी तालुका या जिले में मुफ्त विधिक सहायता हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
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